सासाराम स्थित एसपी जैन कॉलेज में वीर कुंवर सिंह विश्विद्यालय आरा का क्षेत्रिय कार्यालय खुल गया है।:    पुलिस सिपाही भर्ती परीक्षा देने जा रही महिला की मौत:   
गुवाहाटी से भागलपुर गया सासाराम होकर आनन्द विहार के लिए चलेगी ग्रीष्मकालीन स्पेशल ट्रेन:    करंट लगने से कांवरिया की हुई मौत:  

गुप्तेश्वर धाम जाने का रास्ता बंद होने से श्रद्धालुओं में आक्रोश

इस सावन मास की शुरुआत सोमवार से ही हो रही है इसलिए भक्तों में बहुत उत्साह देखने को पहली सोमवारी से ही मिल रही है!

बिहार के प्राचीन शिवलिंगों में शुमार रोहतास के गुप्तेश्वर धाम शिवालय जाने वाले पहाड़ी रास्ते को वन विभाग ने बंद कर दिया है.पहले सोमवारी को शिवलिंग पर जलाभिषेक नहीं कर पाने से श्रद्धालुओं में आक्रोश है! जिला प्रशासन के द्वारा धाम तक जाने वाले रास्ते को बंद कर देने से बच्चे, बुजुर्ग सहित महिलाओं को  काफ़ी परेशानी हो रही है! रास्ता बंद होने से  गुप्तेश्वर धाम कि दुरी 18 से 20 किलोमीटर तक पैदल तय करना पड़ जाता है! 

gupteshwar dham, rohtas, sasaram,  bihar, sawan mahina, baba dham, shiv, bholenath


दरअसल, पिछले साल सावन के महीने में दुर्गम रास्ते से चार पहिये वाहन जाने के दौरान कई वाहन दुर्घटनाग्रस्त हो गए थे, जिसको देखते हुए वन विभाग के द्वारा गुप्ता धाम जाने वाले सड़क मार्ग को बंद कर दिया गया है! ऐसे में सभी प्रकार के वाहनों को दुर्गावती जलाशय के पास ही रोक दिया गया है!

gupta dham, sasaram, rohtas, bihar, saawan, bholenath, shivji


 पहले श्रद्धालुओ को गुप्तेश्वर धाम शिवालय जाने के लिये लगभग 25 से ३० किलोमीटर पैदल यात्रा करनी पड़ती थी! उगहनी से रास्ता बन जाने के वजह से इन दुर्गम रास्तों पर वाहनों का परिचालन होने लगा! जिससे श्रद्धालुओं को काफी सहूलियत हुई. 10 घंटे का सफर 1 घंटे में ही पूरा हो जाने लगा, लेकिन पिछले दिनों हुए कई हादसों के कारण स्थानीय प्रशासन ने वाहनों के लिए इस रास्ते को बंद कर दिया है!

यहाँ हर साल सावन के पावन महीनों में देश के विभिन्न इलाक़ों से हज़ारो श्रद्धालु बाबा गुपतेश्वर नाथ की जलाभिषेक करने के लिए आते है!

gupeshwar nath, gupta dham, sasaram, rohtas, bihar, bholenath, shiv shankar, kashi, baijnath dham, bhakti


गुप्‍ता धाम का इतिहास: प्राचीन कथा के अनुसार एक बार भस्मासुर भोलेनाथ को खुश करने के लिए तपस्‍या कर रहा था. उसकी तपस्‍या देखकर भगवान शिव खुश हो गए! उन्‍होंने भस्‍मासुर से कहा कि हम तुम्‍हारी तपस्‍या से प्रसन्‍न हैं, जो वरदान मांगना चाहते हो मांगों! भस्मासुर ने वरदान मांगा कि मैं जिस किसी के भी सिर पर हाथ रखूं वह भस्‍म हो जाए! भस्‍मासुर मां पार्वती के सौंदर्य पर मोहित होकर भगवान शिव से मिले वरदान की परीक्षा लेने की के लिए उन्‍हीं के सिर पर हाथ रखने के लिए दौड़े तब भगवान शिव भागकर इस गुफा के गुप्‍त स्‍थान पर छिप गए थे तभी से इस शिव लिंग रुपी बाबा भोले नाथ को गुप्तेश्वर नाथ के नाम से भक्त जानते है और सावन मास में मा गंगा के पवित्र जल से जलाभिषेक करते है!